गुनहगार :- अदालत-ऐ-इश्क की सजी है बता रहे हैं -गुनहगार हूं मैं मुकदमा लगा है इश्क़ का मुझपर बोल रहे हैं -गुनहगार हूँ मैं दलीलें दी जा रही है मेरे खिलाफ बता रहे हैं -गुनहगार हूँ मैं इलज़ामात का एक सिलसिला चला है साबित करने की कोशिश हैं कि -गुनहगार हूँ मैं आपने ही दे रहे हैं गवाह बता रहे हैं -गुनहगार हूं मैं गीता पर हाथ रख कर झूठ बोला जा रहा हैं कि -गुनहगार हूँ मैं तफ़तीश(investigation) हुई ही नहीं मेरे इश्क़ की बस मान लिया गया है -गुनहगार हूँ मैं तशरीह(explanation) का मोका ना दिया और बोल रहे -गुनहगार हूँ मैं और ख़ुदा का कहर देखो, वो मेरे नजारों के सामने है, और वो बता रही है -गुनहगार हूँ मैं मरासिम(relation) इश्क की है जिससे मेरी वो बोल रहा है -गुनहगार हूँ मैं अब मेरा गवाही गवाह दे रहा है कि -गुनहगार हूँ मैं न्यायधीश सजा सुनाई जाए -गुनहगार हूँ मैं.....! -Arnab banerjee ©Arnab Banerjee #shayri #arnab#poem#lovestory #caged