@हिन्दी की गाथा@ कंहा गुम हो गयी हो तुम लोगों के अवचेतन मन से, जो कभी बसा करते थी हर हिन्दुस्तानी के दिल में. प्रेमचंद, प्रसाद, जयशंकर ने संवारा तुम्हें चमन की तरह, सुभद्रा, यशोधरा, महादेवी ने पाला तुझे बच्चों की तरह. #hindikeegatha part 1