"लता मेघ आये री" घन घनघोर बन श्यामा के चितचोर, पाहुन बन आये , धूम मची चहुँओर। सम्पूर्ण रचना अनुशीर्षक में पढ़े। "लता मेघ आये री" घन घनघोर बन श्यामा के चितचोर, पाहुन बन आये , धूम मची चहुँओर, संग सुभाय सृलज्ज बदली वो लाये, घटा हिय से मधुर -मधुर सी मुस्काय, दर्पण निरखे , सोलह श्रृंगार सजाये, पिव संग जाने को मनमुदित हो जाये,