मेरे सपने बहुत नहीं हैं.! मोती-सी हों चुनी किताबें शीतल जल से भरे सुनहले प्यालों जैसी ठण्डी.! खिड़की से बाहर धीरे हँसती हो तितली-सी रंगीन बग़ीची.! Ğ🌝🌝D🌠Ńighť 🌠Ð🌝st🌝 🌻🌠🌻🌠🌻🌠🌻🌠🌻🌠🌻