आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा उनके बातों को याद करके हर लम्हा खुद को तड़पते देखा। आंखो के अश्कों से पलको से ज्यादा तकिये को भिगोते देखा।। वफ़ा की बात करते करते मैंने उनको बेवफ़ा बनते देखा। उनकी हक़ीक़त से रू-ब-रू होकर आज फिर नींद को आँखो से बिछड़ते देखा।। #nind #Nind_ko_ankhon_se_bichhadte_dekha #lovequotes #nojotopoem