लिखता हूँ भूली बिसरी यादों को अपना यार बनाके तन्हा अकेला हूँ मैं इन यादों के सहारे जींदा हूँ मैं साथ नहीं कोई मेरे वक़्त ही बेवफा है अपने तो हैं बहोत मगर सगा कोई किसी का कहाँ है आस्तीन के सांप से रिश्ते बनाए थे मैंने आज डस रहें हैं वही मुझे अपनी भूख मिटाने को ©Ankur Mishra #भूली_बिसरी #lost