अपना बना के तन्हा छोङ गया, धडकने छीनकर मरा छोङ गया, सब कुछ ले गया अपना छीन कर, बस यादेँ छोडकर शायद ये भी भुल से छोङ गया..... अपना बना के तन्हा छोङ गया, धडकने छीनकर मरा छोङ गया, सब कुछ ले गया अपना छीन कर, बस यादेँ छोडकर शायद ये भी भुल से छोङ गया..... रविन्द्र महरानीयाँ