डर कर जाते, कभी राम की आड़ मे, कभी श्याम कि आड़ में। डर कर जाते कभी पापा की आड़ मे, कभी मम्मी की आड़ मे गम से छुप जाते हैं कभी प्यार की आड़ मे, कभी दोस्ती की आड़ में। ना जाने कब मौत दस्तक दे हर पल मस्ती मे जीओ यारो, दुनियादारी जाये भाड़ में।।।। I will write next time on night