शिक्षा एक पेशा नहीं बल्कि यह है एक विशिष्ट जिम्मेवारी जिसने इसे पेशा माना वह नहीं उठा पाया यह जिम्मेदारी हमारी प्यारी 'रितु मैम' बखूबी उठा रही है यह जिम्मेवारी इनके समर्पण से इनका द्वार बना शिक्षा एवं ज्ञान का मंदिर इनकी इश्के हकीकी, मधुर वाणी, एवं समयनिष्ठा है इनकी निशानी इनके मुख की आभा दर्शाएं इनके स्नेह व सच्चाई की कहानी इनकी अपरिमित प्रज्ञा एवं सम्यक स्मृति है सबकी जुबानी 'रितु मैम' एक शिक्षक, एक दोस्त, एक माँ, एक महान इंसान अपने हर रूप में एक कार्यकुशल शख्स होना है इनकी पहचान छवि इनकी इतनी निर्मल की हर कोई दिल से करें इनका सम्मान भगवान ने दिया हमें जीवन दान एवं 'रितु मैम' बनाती इसे महान अपने छात्रों से कभी माँ की तरह करती लाड़-प्यार व दुलार तो कभी जरूरत पड़े तो सच्चे दोस्त जैसी बन जाती सलाहकार छात्रों की दुविधाग्रस्त मनोदशा पढ़कर उसे सही राह दिखाती हर बार एक 'शिक्षक' होने के नाते छात्रों को उसकी सही प्रतिभा बताती खुद की खुद से पहचान करवाकर खुद से प्यार करना सिखाती किताबी ज्ञान के साथ-साथ हमें जीवन दर्शन भी समझाती हार एवं जीत से परे एक दुनिया से हमें अवगत करवाती ये बताती हमें जीवन के उतार चढ़ाव में लाना संतुलित ठहराव हमें जीने की कला सिखाकर खुशहाल बनाती हमारी जीवन की नाव वैलेंटाइन डे, रोज डे, ये डे, वो डे, इत्यादि डे है विदेशियों की देन पर हमारे देश भारत ने 'शिक्षक' के सम्मान में 'शिक्षक दिवस' बनाया एवं 'रितु मैम' जैसी शिक्षकों ने 'शिक्षक' शब्द को गौरवान्वित बनाया Teacher's day special poem on my favourite teacher Dr. Ritu Ojha