लुप्त हुआ था जो पतझड मौसम में वो भंवरा फिर से लौट आया है बदल गया था परिस्थिति के हाथों आशा की किरण से फिर लौट आया है छोड गया था वो कुछ अधूरे सपने अपनी चौखट पर अपने सुनहरे सपनों को पूरा करने फिर लौट आया है #घर_वापसी