Nojoto: Largest Storytelling Platform

वो आकर बैठे थे पहलू में पर मुझसे तो बात न हुई, मैं

वो आकर बैठे थे पहलू में पर मुझसे तो बात न हुई,
मैं एकटक निहारती रही उन्हें  पर  मुलाकात न हुई।

उन्होंने तो लुटाया इश्क ही इश्क  शाम-ए-फिज़ा में,
सबने लूटा बस मेरे लिए उस शाम  की  रात न हुई।

थी शादियाॅं उस रोज़ उन्होंने भी निकाह  कुबूला था,
घर सबके दमके थे बस मेरे घर  कोई  बारात न हुई।

इश्क के जनाज़े में शबभर हम फूट-फूट के  रोते रहे,
इकतरफा इश्क अधर में ही रहा उसकी  जात न हुई।

मुकम्मल हुई सबकी दुआऍं, मेहबूब सबके  साथ थे,
हर सफ़र में अकेली रही मेरे हिस्से ये  सौगात न हुई।

ज़िंदगी तो मैंने उसके सदके में कब  की  वार  दी थी,
मुझे गम है कि मौत की मेरे हिस्से  तहकीकात न हुई।

मुझको गिले-शिकवे तो उसे जताना  है  बहुत 'भाग्य',
पर उससे मिलूॅं दुबारा ऐसी किस्मत की खैरात न हुई। #kkबैरागीश्री 

✨✨✨✨✨✨*2*✨✨✨✨✨✨

वो आकर बैठे थे पहलू में पर मुझसे तो बात न हुई,
मैं एकटक निहारती रही उन्हें  पर  मुलाकात न हुई।

उन्होंने तो लुटाया इश्क ही इश्क  शाम-ए-फिज़ा में,
वो आकर बैठे थे पहलू में पर मुझसे तो बात न हुई,
मैं एकटक निहारती रही उन्हें  पर  मुलाकात न हुई।

उन्होंने तो लुटाया इश्क ही इश्क  शाम-ए-फिज़ा में,
सबने लूटा बस मेरे लिए उस शाम  की  रात न हुई।

थी शादियाॅं उस रोज़ उन्होंने भी निकाह  कुबूला था,
घर सबके दमके थे बस मेरे घर  कोई  बारात न हुई।

इश्क के जनाज़े में शबभर हम फूट-फूट के  रोते रहे,
इकतरफा इश्क अधर में ही रहा उसकी  जात न हुई।

मुकम्मल हुई सबकी दुआऍं, मेहबूब सबके  साथ थे,
हर सफ़र में अकेली रही मेरे हिस्से ये  सौगात न हुई।

ज़िंदगी तो मैंने उसके सदके में कब  की  वार  दी थी,
मुझे गम है कि मौत की मेरे हिस्से  तहकीकात न हुई।

मुझको गिले-शिकवे तो उसे जताना  है  बहुत 'भाग्य',
पर उससे मिलूॅं दुबारा ऐसी किस्मत की खैरात न हुई। #kkबैरागीश्री 

✨✨✨✨✨✨*2*✨✨✨✨✨✨

वो आकर बैठे थे पहलू में पर मुझसे तो बात न हुई,
मैं एकटक निहारती रही उन्हें  पर  मुलाकात न हुई।

उन्होंने तो लुटाया इश्क ही इश्क  शाम-ए-फिज़ा में,