बहुत कुछ छिटक कर दूर हो गया हमसे, पर सीप में हंसी बंद कर रखते हैं हम। चारों तरफ दलदल भी हो तो क्या, कमल सा खिल जाने का हल ढूंढते हैं हम। #जोश