सुकून की तलाश में,तू जल रहा है आग में। नादान है तू जाग जा, सब छोड़ तू और भाग जा। सुकून कहीं नहीं यहाँ, तू ढूँढ ले चाहे जहाँ। ना इश्क़ की चाह में, ना ज़िंदगी की राह में। ना बाग में, ना फूल में, ना बरसात में ना धूल में। ना धरती पर, ना आकाश में, ना भूख में ना प्यास में। ना दिन में, ना रात में, ना जवां दिलों की बात में। ना धूप में, ना छाँव में, ना शहर में ना गाँव में। तू जितनी देर घूमेगा, तू उतनी राह भूलेगा। एक वक़्त वो भी आएगा, जब तू भी थक जाएगा। पर हार मत तू मानना, क्योंकि सच तुझे है जानना। तू पूछ लें जहान से, तू पूछ लें भगवान से। और वो तुझे बताएगा, दो जगह सुकून तू पाएगा। पहला, सरहद की फौज में, और दूसरा, माँ की गोद में। सुकून की तलाश में,तू जल रहा है आग में। राख तू बन जाएगा, और मिट्टी में मिल जाएगा। #सुकून_की_तलाश #आग #longpoetry #poetryday #21stmarch #yqdidi #bestyqhindiquotes #ifyoulikeitthenletmeknow