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इस बारिश में कोई रो रहा तो कोई हंस रहा है अमीरों क

इस बारिश में कोई रो रहा तो कोई हंस रहा है
अमीरों के चाय पकोड़े चल रहे 
तो गरीबों को टपकती छत का डर लग रहा है
कोने में बैठे एक टक लगाए वो
अपनी बर्बादी का मंजर तक रहा है
मां की ममता है घबराहट में क्या देगी अब बच्चों को
उसका तो मिट्टी का चूल्हा मिट्टी में मिल रहा है #barishein
इस बारिश में कोई रो रहा तो कोई हंस रहा है
अमीरों के चाय पकोड़े चल रहे 
तो गरीबों को टपकती छत का डर लग रहा है
कोने में बैठे एक टक लगाए वो
अपनी बर्बादी का मंजर तक रहा है
मां की ममता है घबराहट में क्या देगी अब बच्चों को
उसका तो मिट्टी का चूल्हा मिट्टी में मिल रहा है #barishein