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नव प्रभात से फूटी कलियों में,नव आशा का उन्माद भरे

नव प्रभात से फूटी कलियों में,नव आशा का उन्माद भरे

आओ नव रवि की किरणों से स्वर्णिम युग का आगाज करें

अपने जो कहीं विचिप्त रहे

हैं काम क्रोध में लिप्त रहे

ईर्ष्या और द्वेष ग्रसित मन है

असफल उनका यह जीवन है

भर सर्व हिताय के भावों से

उन हृदयों का संचार करें

आओ नव रवि की किरणों से स्वर्णिम युग का आगाज करें



 #आगाज करें
अर्पित तिवारी
नव प्रभात से फूटी कलियों में,नव आशा का उन्माद भरे

आओ नव रवि की किरणों से स्वर्णिम युग का आगाज करें

अपने जो कहीं विचिप्त रहे

हैं काम क्रोध में लिप्त रहे

ईर्ष्या और द्वेष ग्रसित मन है

असफल उनका यह जीवन है

भर सर्व हिताय के भावों से

उन हृदयों का संचार करें

आओ नव रवि की किरणों से स्वर्णिम युग का आगाज करें



 #आगाज करें
अर्पित तिवारी