हमें शर्म तक नहीं आती😰 भूख से मजबूर, भूखा जिस्म बिका... जिस्म के भूखों ने, जी भर के नोचा, मुट्ठी में सौ का नोट दबाए, वो अधमरी लाश सी, घर पहुंची है, भूखे पेट भरने को, और हम...... दावा करते फिर रहे हैं, अपनी कामयाबियों का, अंधेरों में सिसकती, जिंदगियां मजबूर हैं भूख के सामने बेबस हैं जिस्म नुचवाने को।। #कुलभूषणदीप #yqभूख हमें शर्म तक नहीं आती😰 भूख से मजबूर, भूखा जिस्म बिका... जिस्म के भूखों ने, जी भर के नोचा, मुट्ठी में सौ का नोट दबाए,