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उसने मुझे मनाना जरूरी समझा ही नहीं अहंकार से ऊपर प

उसने मुझे मनाना
जरूरी समझा ही नहीं
अहंकार से ऊपर प्रेम को सजाना 
जरूरी समझा ही नहीं
हर बार मैं ही भूल जाऊ क्यूं उसकी गलतियों को 
 मेरी गलतियों के साथ मुझे स्वीकारना
 क्यूं उस्ने सिखा नही
रिश्ता उसका भी है और मैं भी 
फिर क्यों 
उसने हमे बचाना जरूरी समझ नही
सब कुछ सिर्फ मैं ही समझू 
ये जरूरी है क्या
आख़िर इक औरत भी एक इंसान है 
ये क्यों किसी ने समझा ही नही

©कनिष्का #betrayel 

#betrayal
उसने मुझे मनाना
जरूरी समझा ही नहीं
अहंकार से ऊपर प्रेम को सजाना 
जरूरी समझा ही नहीं
हर बार मैं ही भूल जाऊ क्यूं उसकी गलतियों को 
 मेरी गलतियों के साथ मुझे स्वीकारना
 क्यूं उस्ने सिखा नही
रिश्ता उसका भी है और मैं भी 
फिर क्यों 
उसने हमे बचाना जरूरी समझ नही
सब कुछ सिर्फ मैं ही समझू 
ये जरूरी है क्या
आख़िर इक औरत भी एक इंसान है 
ये क्यों किसी ने समझा ही नही

©कनिष्का #betrayel 

#betrayal
kanishkarathore9324

kanishka

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