तेरे शहर की भीड़ रंगीन तो है.. पर हवाओं के मिज़ाज यहाँ हसीन नहीं... हर कदम.. हर कोने में ठिकाने तो है.. मगर रुकना यहाँ सबके नसीब में नहीं.. हम तो तेरे दीदार के लिए ठहर गए.. उठ कर मिट्टी से पत्थर के शहर गए.. पर कैसे मन मेरा अब सब्र करे.. दिखावे तेरे शहर के जब कुछ मुझ पर भी असर करे... ©Yamini Thakur #citylifepain #Naturrlover #Realself #Thoughts