कई संदिली सही होगी इसने है ना? तभी तो ये आज इतना सख्त खड़ा है। एक ही जगह हर मौसम बिना सिकायत सब देखता हुआ। बिना किसी ख्वाहिश और बिना किसी दर्द के। #पहाड़ #पर्वत