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चांदनी रात बड़ी देर के बाद आई है, ये मुलाकात बड़ी

चांदनी रात बड़ी देर के बाद आई है,
ये मुलाकात बड़ी देर के बाद आई है।

तुम नही आए थे तब तलक ऐसा लगता था,
आंख खुली हो मगर सांस नही आई है।

दिल में तनहाई और सन्नाटा सा छाया रहता था,
अब तो यूं लगता है बारात जैसे आई है।

दिन‌ दहाड़े भी अंधियारी छायी रहती थी,
अब तो रातों में भी जुगनुओं से परछाई है।

चांदनी रात बड़ी देर के बाद आई है,
ये मुलाकात बड़ी देर के बाद आई है।

©Anu...Writes
  #चांदनीरात