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White वेदों सी परिष्कृत हो तुम मेरी मां की पहली स्

White वेदों सी परिष्कृत हो तुम
मेरी मां की पहली स्वीकृति हो तुम !

मेरे प्रेम में परणित छवि हो तुम
मैं काव्य, मेरा कवि हो तुम !

मैं पतझड़ मेरा सावन हो तुम 
मैं दूषित, गंगा सी पावन हो तुम !

मैं रण मेरी जीवन की रणनीति हो तुम
मैं फटा लिबास ,जिसे प्रेम से सीती हो तुम !

मैं घिरता अंधेरा, मंदिर का जलता दिया हो तुम
मैं पुरखों की पूंजी, मेरे घर की हरिप्रिया हो तुम !

थोड़ी अल्हड थोड़ी  पागल हो तुम
दुनियां क्या जाने, क्या हो तुम !
🖊️

©Saurav Sachan
  क्या हो तुम?

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क्या हो तुम? Thoughts Manzoor Alam Delhi ram singh yadav Rajeev Gupta Internet Jockey pinky masrani #Poetry

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