मैं नज़्म कोई सुना रहा था वो बज़्म में मुस्कुरा रहा था। मैं लफ़्ज़ ’अदा’ कर रहा था वो ‘अदा’ से मायने बता रहा था। कंगन को हाथों में घुमाता जाने क्या वो कहना चाह रहा था। झुमको ने गालों को था चूमा, कैसे कैसे मुझे वो बहका रहा था। ख़्याल पढ़ते भी ख़्याल रुसवा, वो इश्क़ से मुझे भरमा रहा था। ... ©अबोध_मन//फरीदा #फ़क़तफरीदा #अबोध_मन #अबोध_ग़ज़ल #चाँद_इश्क़ #she_fireflies_moon_herlove