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एक बड़े से समंदर में छोटी सी नाव भेजेंगे, हम भी अप

एक बड़े से समंदर में छोटी सी नाव भेजेंगे,
हम भी अपने बच्चों को छांव भेजेंगे।
करेंगे मेहनत कमाएंगे पैसा,
जितना होगा सारा गांव भेजेंगे।
बाप की लाठी टूटी हुई है वर्षो से,
कुछ भी करके इस बार एक नया पांव भेजेंगे।
मैं एक वक्त का खाना नही खाता मां समझ जायेगी,
इसलिए गिराकर महंगाई का भाव भेजेंगे।।
   ~ चौधरी आरके पटेल

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RST #कविता

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