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कभी कभी मुझे, कुछ पल मेरे दे दो तनहायी के अंधे

कभी कभी मुझे,
 कुछ पल मेरे दे दो 

 तनहायी के अंधेरे  बहुत देखे ,
अब तो खुले आसमां , 
शबनम भरे सवेरे दे दो .....
 Swere
कभी कभी मुझे,
 कुछ पल मेरे दे दो 

 तनहायी के अंधेरे  बहुत देखे ,
अब तो खुले आसमां , 
शबनम भरे सवेरे दे दो .....
 Swere