#OpenPoetry हमे क्या काम लब्जो का तराशेंगे तो टूटेंगे कभी तुम हमसे रुठोगे कभी हम तुमसे रुठेंगे न हि मुझे भूल पाओगे न हि तुझे भूल पाउँगा कही तुम मुझको ढूँढोगे कही हम तुमको ढूढेंगे नही तुम जान पाओगे नही मैं जान पाउँगा कही तुम मुझमे उतरोगे कही हम तुझमे उतरेंगे बहुत बिखरी है ये जुल्फ़े अदा का रंग उजला है कभी तुम कुछ सवारोगे कभी हम कुछ संवारेंगे हमे क्या काम लब्जो का तराशेंगे तो टूटेंगे कभी तुम हमसे रुठोगे कभी हम तुमसे रुठेंगे #nojoto