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वीर रस "गजल" क़ाफ़िया:-क़लम उनकी जय बोल। ************

वीर रस "गजल"
क़ाफ़िया:-क़लम उनकी जय बोल।
*********************************
धन्य हो गई वो कोख़ आज जिन माताओं के  थे वो  लाल अनमोल,
पुण्य भूमि को स्वर्ण ताज  मिला , कलम  आज  उनकी  जय  बोल,

आसान नही शून्य का पता  लगाना, दुनिया जो  थी एक  दिन  गोल,
विश्वपटल  पर नाम अंकित  किया ,कलम  आज उनकी  जय बोल,


सम्पूर्ण गजल कृपया अनुशीर्षक में पढ़ियेगा🙏 वीर रस "गजल"
क़ाफ़िया:-क़लम उनकी जय बोल।
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धन्य हो गई वो कोख़ आज जिन माताओं के  थे वो  लाल अनमोल,
पुण्य भूमि को स्वर्ण ताज मिला,कलम  आज  उनकी  जय  बोल,

आसान नही शून्य का पता लगाना, दुनिया जो  थी एक  दिन  गोल,
विश्वपटल पर नाम अंकित किया,कलम  आज उनकी  जय बोल,
वीर रस "गजल"
क़ाफ़िया:-क़लम उनकी जय बोल।
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धन्य हो गई वो कोख़ आज जिन माताओं के  थे वो  लाल अनमोल,
पुण्य भूमि को स्वर्ण ताज  मिला , कलम  आज  उनकी  जय  बोल,

आसान नही शून्य का पता  लगाना, दुनिया जो  थी एक  दिन  गोल,
विश्वपटल  पर नाम अंकित  किया ,कलम  आज उनकी  जय बोल,


सम्पूर्ण गजल कृपया अनुशीर्षक में पढ़ियेगा🙏 वीर रस "गजल"
क़ाफ़िया:-क़लम उनकी जय बोल।
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धन्य हो गई वो कोख़ आज जिन माताओं के  थे वो  लाल अनमोल,
पुण्य भूमि को स्वर्ण ताज मिला,कलम  आज  उनकी  जय  बोल,

आसान नही शून्य का पता लगाना, दुनिया जो  थी एक  दिन  गोल,
विश्वपटल पर नाम अंकित किया,कलम  आज उनकी  जय बोल,