कभी रुलाता है तो कभी हंसा भी देता है पुराना दोस्त साला कभी फंसा भी देता है यूँ तो राज़ दफन कर लेता है सदा के लिए पर कभी कोई दुखती रग दबा भी देता है वक़्त आये तो घडी बेच के पैसे दे दे मुझे कभी उधार में लिए पैसे पूरे धंसा भी देता है बेतकल्लुफ हो करता है बेइज़्ज़त भी कभी कभी खुद पे ले इल्ज़ाम वो बचा भी देता है बता के बीवी को मेरी आशिकी के किस्से खंजर वो पूरी जड़ तक घुसा भी देता है कांटे सा चुभता है तो कभी मज़ा भी देता है पुराना दोस्त साला कभी फंसा भी देता है दोस्त