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जो कभी कच्चे घरों में रहते थे उनके भी आज पक्के मका

जो कभी कच्चे घरों में रहते थे
उनके भी आज पक्के मकान हो गए हैं

कभी दानों-दानों के मोहताज हुआ करते थे
आज उनके भी अन्न धन के भंडार हो गए

दुख इस बात का नहीं है कि वे प्रगतिशील है
दुख इस बात का है कि वे अपने भूत को भूल गए हैं

चाय के बर्तन धोने से लेकर क्या कुछ नहीं किया 
ना जाने लोग किस संकुचित भावना से ग्रसित हो गए हैं

रामायण महान कैसे बनती अगर कोई त्याग ना करता
भरत भी राम जी के जाने के बाद 14 वर्ष तक राजमहल में आराम करता!
❣️❣️❣️
प्रियतम





 #रामायण
#रामायण_कि_महत्ता 
#घरगुमहै 
#परिवार 
#प्रेम 
#रिश्ते 
#रिश्तेनाते 
#अहसास ❣️❣️❣️❣️🙏🙏🙏🙏🙏
जो कभी कच्चे घरों में रहते थे
उनके भी आज पक्के मकान हो गए हैं

कभी दानों-दानों के मोहताज हुआ करते थे
आज उनके भी अन्न धन के भंडार हो गए

दुख इस बात का नहीं है कि वे प्रगतिशील है
दुख इस बात का है कि वे अपने भूत को भूल गए हैं

चाय के बर्तन धोने से लेकर क्या कुछ नहीं किया 
ना जाने लोग किस संकुचित भावना से ग्रसित हो गए हैं

रामायण महान कैसे बनती अगर कोई त्याग ना करता
भरत भी राम जी के जाने के बाद 14 वर्ष तक राजमहल में आराम करता!
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प्रियतम





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