सिर्फ चेहरे की उदासी से भर आये तेरी आँखों में आँसू, मेरे दिल का क्या आलम है ये तो तू अभी जानता नहीं। उसे जाने की जल्दी थी तो मैं आँखों ही आँखों में, जहाँ तक छोड़ सकता था वहाँ तक छोड़ आया हूँ। शीशे सा बदन लेकर यूँ निकला न करो राहों में, पत्थर से छुपे होते हैं यहाँ लोगों की निगाहों में। उदास दिल है मगर मिलता हूँ हर एक से हँस कर, यही एक फन सीखा है बहुत कुछ खो देने के बाद। ©❤︎ᴊᴀɪ sᴜʜᴇʟᴅᴇᴠ❤︎ jai suheldev