कह दो उस गिद्ध से, जो नजरें घर दूसरे के गड़ाये फिरते हैं... उसके आंगन की कली अब फूल बनने वाली हैं.... Read caption.. #नजरे गिद्ध की... कल के अखबार पर नज़र गयी बेटी उसकी तेरह वर्ष की.. और खुद ग्यारह वर्ष की बच्ची से..... ...... छी..हैरान हूं मै.... निशब्द हूं