ऐ मुसाफ़िर खो चुका तु खुद को है, और मंज़िल ढूंढ रहा है। बीतता वक़्त है,हर घड़ी तु चल रहा है अरे कमबख्त क्यों ज़ख्मो के सहारे पल रहा है। #pain#stillwalking#alone#broken