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न जाने कितने चिरागों को मिल गई शोहरत इक आफताब के ब

न जाने कितने चिरागों को मिल गई शोहरत
इक आफताब के बे वक्त डूब जाने से।
........jatish khan..... me pal do pal ka sathi hu
न जाने कितने चिरागों को मिल गई शोहरत
इक आफताब के बे वक्त डूब जाने से।
........jatish khan..... me pal do pal ka sathi hu
mrjay00419881

Jay 123

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