इंसाफ़ की मंदिर में क्या इंसाफ होता है । फैसला तो होते है पर क्या इंसाफ होता है ।। फरयादी यहाँ दर दर भटकता । अपराधियों का बोल बाला है । पुलिस, वकील, कागजात, सबूत, के चक्कर में उलझ कर रह जाता है फरयादी यहां । नायल्लायों के न्याय करने की प्रकिर्या में उलझता जाता न्याय यहां । क्या इंसाफ की मंदिर में इंफाफ मिलता है ? क्या न्याय की मंदिर में न्याय मिलता है ?? इंसाफ का मंदिर