लक्ष्य मेरा तय है, मंज़िल मेरी तय है, जाना है उस ऊंचाई तक, जिससे नीचे देखने पर लगता भय है, रास्ता थोड़ा कठिन है, मन डगमगाता भी है, लेकिन जब ख्याल आता है उस मंच का, जो मंज़िल है मेरी, तो आंखों से आंसुओ का दरिया निकल आता है | वो मंच, जहां खड़े होना है मुझे एक दिन, बोलना है उन लाखों लोगों के सामने, एक- एक लफ्ज़ को महसूस करके, अपने मुख से लोगों के कानों तक पहुँचाना है, और वो भी ऐसे कि जो जो भी सुने, मेरे लफ्ज़ उनके दिल की गहराई तक दस्तक दे, 8 सब की रूह खुश हो जाये| Stand up poet है मंज़िल मेरी, पता नहीं कब दूर होगी, मेरी और उस मंच की दूरी ! मंज़िल मेरी तय है, अब रास्ता मुझे बनाना होगा, मुझे बस और बस लिखते जाना होगा, काश ऐसा भी दिन आये, जब मेरी Poetry का मुरीद पूरा ज़माना होगा ! इसके लिए बस मुझे लिखते जाना होगा ! ✍ ©Palvi Chalana sLakshay mera tay hai , Manzil meri tay hai . Stand up poet hai manzil meri , Na jane kab door hogi, Meri aur us munch ki doori ! #लक्ष्य #YourQuoteAndMine #mydream #mypassion #standuppoet #nidhinarwallove