Nojoto: Largest Storytelling Platform

बातों का गहरा सागर हो , सागर निश्छल नागर हो। हवा

बातों का गहरा सागर हो  ,
सागर निश्छल नागर हो।
हवा का रुख बदलेगा तब ,
जब  स्वच्छ सुमधुर डागर हो।

                                             - आचमन चित्रांशी

©Achman Chitranshi
  #डागर_हो
#Hum #Poetry #kavita #Shayari #Shayar