शांति है मेरे घर के उस कमरे में, जो कभी तुम्हारी हसी में उलझा रहता था, शांत हो गए है मेरे गिटार के वो धुन जो हमने एक दूसरे में लिपट कर बनाए थे, खुशबु नहीं है तुम्हारे जिस्म की अब इस जिस्म में, तुम्हारे शोना बाबू से अच्छा है मेरी मांँ का वह ताना दे कर मुझे नालायक कह कर उठाना..... शांत हो गया है वो गलियारा जो तुम्हारी आवाज़ से खिल जाता था #nojoto #kamalnarayanthakur