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गुजरते वक्त में, पेड़ो ने फलों को पका दिया। वैसे



गुजरते वक्त में, पेड़ो ने फलों को पका दिया।
वैसे, बढ़ती उम्र ने मेरे तजुर्बों को बढ़ा दिया।
मै तो आज भी हरएक से सबक ले रहा हूं
बस कुछ कमउम्रो ने मुझको सयाना बना दिया।।

जब तक मैं कमाता था, क्या-क्या तमाशा था
जब नही कमा रहा ,अब ये क्या तमाशा है?
इस तमाशे ने मुझको कई किरदार बना दिया
कभी बेटा कभी बाप अब दादा बना दिया।

सोचता हूं आज फिर से मैं तुम सबका बोझ उठा लूं।
ज्यादा नही तो फिर भी थोड़ा और जुटा लू।
ये दर्द तो रिटायरमेन्ट का है इन घुटनों और जोड़ों में,
लाठी देकर तुमने मुझे मुफ़्त का पहरेदार बना लिया।

उस जमाने मैने चंद रुपयों में सबका पेटभर दिया था
और ये दौर है लोग परिवार सहित कमा रहे है
और पूछो तो कहते है बस जो कर रहे है सो खा रहे हैं
शायद तुम्हारी ख्वाहिशों ने ज़माने को महंगा बना दिया।


सबने बहुत टोका फिर भी उम्र को बहुत रोका
योग किए, मेंहदी चश्में चमनप्राश भी प्रयोग किए
मै तो पोते के साथ आज भी बचपन जी रहा हूं
बस लोगो ने बूढ़ा कह कह कर मुझे बूढ़ा बना दिया।

 #बूढ़ा

गुजरते वक्त में, पेड़ो ने फलों को पका दिया।
वैसे, बढ़ती उम्र ने मेरे तजुर्बों को बढ़ा दिया।
मै तो आज भी हरएक से सबक ले रहा हूं,
बस कुछ कमउम्रो ने मुझको सयाना बना दिया।।

जब तक मैं कमाता था, क्या-क्या तमाशा था


गुजरते वक्त में, पेड़ो ने फलों को पका दिया।
वैसे, बढ़ती उम्र ने मेरे तजुर्बों को बढ़ा दिया।
मै तो आज भी हरएक से सबक ले रहा हूं
बस कुछ कमउम्रो ने मुझको सयाना बना दिया।।

जब तक मैं कमाता था, क्या-क्या तमाशा था
जब नही कमा रहा ,अब ये क्या तमाशा है?
इस तमाशे ने मुझको कई किरदार बना दिया
कभी बेटा कभी बाप अब दादा बना दिया।

सोचता हूं आज फिर से मैं तुम सबका बोझ उठा लूं।
ज्यादा नही तो फिर भी थोड़ा और जुटा लू।
ये दर्द तो रिटायरमेन्ट का है इन घुटनों और जोड़ों में,
लाठी देकर तुमने मुझे मुफ़्त का पहरेदार बना लिया।

उस जमाने मैने चंद रुपयों में सबका पेटभर दिया था
और ये दौर है लोग परिवार सहित कमा रहे है
और पूछो तो कहते है बस जो कर रहे है सो खा रहे हैं
शायद तुम्हारी ख्वाहिशों ने ज़माने को महंगा बना दिया।


सबने बहुत टोका फिर भी उम्र को बहुत रोका
योग किए, मेंहदी चश्में चमनप्राश भी प्रयोग किए
मै तो पोते के साथ आज भी बचपन जी रहा हूं
बस लोगो ने बूढ़ा कह कह कर मुझे बूढ़ा बना दिया।

 #बूढ़ा

गुजरते वक्त में, पेड़ो ने फलों को पका दिया।
वैसे, बढ़ती उम्र ने मेरे तजुर्बों को बढ़ा दिया।
मै तो आज भी हरएक से सबक ले रहा हूं,
बस कुछ कमउम्रो ने मुझको सयाना बना दिया।।

जब तक मैं कमाता था, क्या-क्या तमाशा था
bpawar8645130918033

B Pawar

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