देखा एक ख़्वाब तो, हां देखा एक ख्वाब तो जरूर था मैंने । दिल बड़े ही प्यार से उन्हें दिया था मैंने।। उनके हर गम को मैंने हंसकर उठाया । ये सब क्या कोई गुनाह किया था मैंने।। क्या बताऊं मैं उसके सितम की दास्तां। उसने अश्क दिए तो उन्हें पिया था मैंने।। उसे गम की परछाई से मैं दूर रख सकूं। हर लम्हा साथ हंसकर जिया था मैंने।। तुम्हें मिले वह कभी तो पूछ कर बताना। मुझे छोड़ दिया ऐसा क्या किया था मैंने।। कर उस बातका जिक्र जिसे वो छुपाते हैं। मुझे भी तो पता चले क्या किया था मैंने।। हां देखा एक ख्वाब तो जरूर था मैंने । दिल बड़े ही प्यार से उन्हें दिया था मैंने।। #एकख्वाब