क्यों आखिर नजरें चुरा रहे हो भला हमसे मेरे साथी दिल मे छुपा है अगर कुछ तो आज खुलकर बयां कर असमंझस में हूँ मैं तेरी खामोशी से वो तेरी बेरुखी से है अगर कोई शिकवा किसी बात का तो कहा कर जानती तो हूँ मैं कि तू उदास है किसी बात से आजकल तेरी उसी कमी का एक एहसास मेरे सामने किया कर क्या है ऐसा कि तू कहने से इतना डरता है बस ख्यालों की दुनियां में तू रहता है जो भी दर्द है चुभन है सब कहता रह दर्दो को यूँ ना सहता रह है अगर किसी के जाने का भी थोड़ा अफसोस तुझे बेझिझक अपने एहसास उस हसीन पल के मुझसे कहा कर जो अगर नही मंजूर तुझे किसी का साथ फिर भी पास रहा कर बस अपने इन खूबसूरत पलों को इन मायूसी में ना जाया कर #Nature #ख्याल#मायूसी#दिल#छुपी बात#एहसास#जजबात#अपनापन#