चाहे इर्द गिर्द मेरे फिर भी मैं अकेला हूँ बिन तेरे इस भीड़ से मुझे क्या इस दुनिया से मुझे क्या तू ही नही है अगर फिर है ही क्या मेरा मुझे सिर्फ तुझसे मतलब है इस नकली दुनिया से मुझे मतलब ही है क्या। सभी दोस्तों को प्यार भरा "नमस्कार" 🎀 आप सभी के लेखन को और बेहतर बनाने के लिए यहां पर रूटीन पोस्ट की जाती हैं पर सुबह की पहली पोस्ट में से ही एक सर्वश्रेष्ठ प्रतिलिपि / Write up को चुन कर Testimony रिपोस्ट से सम्मानित किया जाएगा । 🎀 रूटीन पोस्ट की Collab समय सीमा सिर्फ़ 4 घंटे या अगली रूटीन पोस्ट पर ख़तम हो जाती हैं ।