है मित्रता एक चुनाव ही, जो कभी कभी आती है, ये आपके समझ और नियति को दर्शाती है, किसी तरह का पाठक चाहिए आपको, अपने पाठ को पूरा करने के लिए, कर्ण या कृष्ण कि तरह, सुग्रिभ या केवट जैसे मित्र की तरह, वो सक्षम हो इतना की नियति से, तनिक भी ना घबरा पाए, और वो धुरंधर हो इतना की, वक्त को पटकनी दे उसे आपके पछ मे ले आए, वो ऐसा हो जैसे सुनसान राहो पे, ठैहरी हुई वो मस्तानी समाए, जैसे गर्मी मे राहथ भरी घटाएं, मित्र हो तो ऐसा जैसे, दिन और रात के बीच की वो, गोधली भरी वक्त की सराहे, वो समझे आपको इस तरह जैसे मां की निगाहें, वो ऐसे पूरा करे हर ख्वाब आपका, जैसे टूटते हुए तारे की दुआए, हो साथ मुकमल ऐसा जैसे, मेहेक संग मचलती हवाएं ; ©Jay Kishan Rajput mere dosto ke nam #poem #Frindsforever #MyPoetry #myfiling #Life_Experiences #Dosti Suman Zaniyan Dr Imran Hassan Barbhuiya Prajwal Bhalerao Suman Zaniyan