Let's pray for Afghanistan. दूसरो की आशा छोड़ कर, स्वयं पर भरोसा रख । कोई और नहीं तुजे बचाने वाला, स्वयं की तू रक्षा कर । सामने वो बे दर्द ही खड़े है इंसान हो कर भी , इंसान को मार रहे है ये कुदरत का खेल कितना अनोखा। है जन्हा इंसान जानवर बन रहा है चलो दुआ करे उनके लिए जो मासूम भी हे और लाचार भी है । ऊपर वाला उनके परिवार की रक्षा करे जिसकी हर नमाज पे सर जुके है । - दर्शन एच जेठवा ©Pratibha Writer Community #darshanhjethwa #Pratibha_writer_community #Nojoto #Hindi #Shayari #Poetry #Quote #nojohindi