।। ओ३म् ।। तत्रापरा ऋग्वेदो यजुर्वेदः सामवेदोऽथर्ववेदः शिक्शा कल्पो व्याकरणं निरुक्तं छन्दो ज्योतिषमिति। अथ परा यया तदक्षरमधिगम्यते ॥ उसमें अपरा है, ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छन्द तथा ज्योतिष। और परा विद्या वह है जिससे 'अक्षर तत्त्व' का ज्ञान होता है। Of which the lower, the Rig Veda and the Yajur Veda and the Sama Veda and the Atharva Veda, chanting, ritual, grammar, etymological interpretation, and prosody and astronomy. And then the higher by which is known the Immutable. ( मुण्डकोपनिषद् १.५ ) #मुण्डकोपनिषद् #upnishad #Veda #shastra #nirukta #apara #astronomy #jyotisi