उसके लिए कोई व्रत नहीं रखता, फिर भी सालों जी जाती है। करती है राधा सा प्रेम, मीरा की तरह विष पी जाती है।। मायके में राजकुमारी, ससुराल में रानी कहलाई जाती है। ढाँके तन अपना तो रूढ़िवादी, ना ढाँके तो निर्लज्ज बेशर्म कहलाई जाती है।। हुक्म चलाए पति पर तो क्रूर, उसकी माने तो कहीं संस्कारी कहीं बददिमाग बताई जाती है। पति छोड़ दे तो चरित्रहीन, और वो पति को छोड़ दे तो भी इज्जत कहाँ पाती है।। घर पर रहे तो कामचोर, बाहर काम करे तो लापरवाह आवारा बताई जाती है।। वो औरत है जनाब, उसकी गिनती इंसानों में कहाँ आती है।। #womenspecial #sadtruth