#Pehlealfaaz ।। देशज भाषाएँ ।। पराई, विदेशी भाषाओं की अजब विदेशी ही शान है। एक-एक अकेला अक्षर वैयक्तिकता का गान है। पर हमारी देशज भाषाएँ अनुपम अतुल्य वरदान हैं । इनके शिरोरेखा युक्त शब्द हमारे संस्कारों की जान हैं । साथ निभाया अब तक बहुत बड़ा अहसान है। मेजबान हम उसके पर वे तो केवल मेहमान हैं । मगर एकता युक्त शब्द हमारी सच्ची पहचान हैं । ।।मुक्ता शर्मा त्रिपाठी ।। #muktamusafirparinde #मुक्तामुसाफिरपरिंदे #देशजभाषाएँ #विदेशीभाषाएँ #अपनीभाषा #संस्कार #संस्कृति