.... ह्यूंद का दिना फिर बॉड़ी ऐ गेना ज्यू नि लगदु स्वामी जी तुम बिना ओ... ज्यू नि लगदु स्वामी जी तुम बिना,,,, नौकरी तुम्हारी कन नौकरी चा घार आणा की फिकर भी नी चा ऊनि लम्बी रात कुई छुई न बात निन्द नि आंदि स्वामी जी तुम बिना