कुछ लोग कहते हैं छोटी-छोटी चीजों में हमें खुशियाँ ढूँढनी चाहिए| नहीं, पर मेरा ऐसा नहीं मानना मेरा मानना है कि छोटी-छोटी खुशियाँ ढूँढने के बजाय हम कुछ ऐसा करें कि वो खुशियाँ हमें ढूंढ लें चूंकि ढूँढा तो उसे जाता है जो खो गया हो और खुशी कोई खोई हुई वस्तु नहीं जिसे हम ढूंढें, वो हमेशा उपलब्ध है, मौजूद है हमारे अंदर| वह कहीं खोया हुआ नहीं है| और फिर भी अगर हम उसे खोजते हैं, ढूंढते हैं तो इसका मतलब हम कोई खुशी नहीं ढूंढ रहे बल्कि एक वजह ढूँढ रहे हैं कुछ देर मन बहलाने का| और ये "कुछ देर का मन बहलाव" कुछ भी हो पर "सच्चे अर्थों वाली खुशी" नहीं हो सकती| #HAPPY_CHRISTMAS........#KHUSHI ©Rudra magdhey Abhijeet विचारों की गठरी में से #MerryChristmas