from my diary (anuthy mulakat)saras.k बहुत दिनों बाद आज बात हुई ... जैसे पहली सी मुलाकात हुई, खो गई थी जो हसी मेरी... धीरे धीरे उस मुस्कान की शुरुआत हुई, थम गए थे जिंदगी की उलझनों में हम, आज उन उलझनों में ही सही , एक नई जिंदगी की शुरुआत हुई... बहुत दिनों बाद आज बात हुई, मुश्किल बहुत था तुम को भुला पाना, बिना तेरे जीना और दूर तक अकेले जाना, आज उस चाहत पर हमारी, खुदा की मेहरबानी हुई, बहुत दिनों बाद आज तुम से बात हुई... खो दिया था मैंने अपना सुकून और चैन, तेरी यादों में आंखों से इसी बरसात हुई... कुबूल नहीं था दिल को यू तेरा , मेरी जिंदगी से रुकसत हो जाना... खुद को रुलाना और मुझे अकेले छोड़ जाना... इस अकेले पन में ही तो,तेरी याद में , मेरी कलम से ,शायरी की बरसात हुई.. आज बहुत दिन बाद बात हुई.. जैसे पहली सी मुलाकात हुई.. चेहरा नहीं था सामने तुम्हारा ,पर तुम थे.. आज दिल से दिल की एक अनूठी सी मुलाकात हुई.. बहुत दिनों बाद आज बात हुई(सरस.k) इक अनूठी मुलाकात