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मनवा रेगिस्तान हुआ, झंड हुई ज़िंदगी पर फिर भी घमंड

मनवा रेगिस्तान हुआ,
झंड हुई ज़िंदगी पर फिर भी घमंड हुआ।
पुरोधा भी इक दिन राख बन जाते हैं,
जानते हुए भी दिखावे का चलन हुआ।।

मनवा रेगिस्तान हुआ,
सुनने वाले पर ही तंत्र हावी हुआ।
हद जब बेहद हो जाता है 
तभी इंसान का रौद्र रूप हुआ।।

©Jitendra VIJAYSHRI Pandey "JEET " #मनवा #रेगिस्तान #हुआ #जीतकीनादानकलमसे 

#vacation
मनवा रेगिस्तान हुआ,
झंड हुई ज़िंदगी पर फिर भी घमंड हुआ।
पुरोधा भी इक दिन राख बन जाते हैं,
जानते हुए भी दिखावे का चलन हुआ।।

मनवा रेगिस्तान हुआ,
सुनने वाले पर ही तंत्र हावी हुआ।
हद जब बेहद हो जाता है 
तभी इंसान का रौद्र रूप हुआ।।

©Jitendra VIJAYSHRI Pandey "JEET " #मनवा #रेगिस्तान #हुआ #जीतकीनादानकलमसे 

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