झूठा प्यार पाया था तुमसे,वो रात बड़ी डरावनी थी। सनसना तुम भी गए थे,अदा तुम्हारी सुहावनी थी। तुम सच्चा प्यार भुलाते हो,हमने माना ही नहीं। करेजा बना के रखा था,तुम निकले अनजाने ही।। सभी दोस्तों को प्यार भरा "नमस्कार" 🎀 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है । आज का शीर्षक है : #झूठाप्यार #झूठा_प्यार